आज के वचन पर आत्मचिंतन...
जबकि मुझे चुनाव अचे लगते है और मुझे अपने निर्णयों के लिए खुद जिम्मेदार होना पसंद है, मै सच में परमेश्वर का आभारी हूँ की वह मुझे मेरे जीवन को उसकी इच्छाओ के अधीन होने और मेरे भरोसे को उसपर रखने की इजाजत देता है । पिता मुझमे अपनी इच्छा पूरी करने के कार्य में है (फिलि २:१३) और मेरे बेहतरी के की भलाई के लिए (रोमी ८:२८ ) मै ख़ुशी से मानता हूँ की मेरी योजनाए उसकी इच्चाओ के अधीन है । मै इस बात के लिए आभारी हूँ की मेरे लक्ष्य और सफलताए उसके हाथो में है । मै ख़ुशी से घोषित कर सकता हूँ की जो कुछ आगे मेरे लिए है एक कथन में संक्षिप्त होजाता है " यदि प्रभु की इच्छा हो तो !"
मेरी प्रार्थना...
धन्यवाद् अब्बा पिता की मेरा जीवन और मेरा भविष्य आपके हाथो में है । मुझे क्षमा करे जब मेरी योजनाए मुझ पर ही केंद्रित थी और जानबूझकर आप पर निर्भर नहीं थी । मुझे मेरे ही मूर्खतापूर्ण अहंकार द्वारा बनाये गए असफल योजनाओं के कारण होनेवाली समस्याओ से छुड़ाने के लिए धन्यवाद ।प्रिय पिता मै ख़ुशी मेरी योजनाए , जीवन और भविष्य को तेरी िच्चाहो के अधीन करता हूँ । येशु के पवित्र नामसे और उसकी सामर्थ से प्रार्थना करता हूँ । अमिन ।