आज के वचन पर आत्मचिंतन...

अभिलाषा यह एक चुनाव है पुराने रास्ते ( परमेश्वर की इच्छा हुमारे लिए ) और नए रस्ते में जो शैतान उपलब्ध कराता है । ज्यादातर शैतान के द्वारा उपलब्ध कराया रास्ता खुशियों , उन्नति और सफलताओ के लिए छोटा रास्ता दिखाई पड़ता है । जबकि , यह रास्ता हमे परमेश्वर से दूर ले जाता है और उन आशीषो से भी जो वह हमे देने की इच्छा रखता है । हम यर्मियाह के दिनों के लोगो की तरह न बने जिन्होंने परमेश्वर के रास्तो को त्याग और कहा " हम इस पर नही चलेंगे "। उनके इस निर्णय का परिणाम उनका ही विनाश था ।

मेरी प्रार्थना...

हे प्रिय पिता , सर्वसामर्थी परमेश्वर , मुझे क्षमा करे की मै आपके मार्गो से हटा और ऐसे मार्गो की खोज में लगा जो देखने में सरल और जो जल्द ही प्राप्त हो सकने वाली खुसी सी दिखी पड़ती है । तेरी पवित्र आत्मा के द्वारा मेरी मद्दत कर की मै शैतान के अभिलाषा के मुखौटे में से देख सकू और उनके कड़वे परिणाम देख सकू । मै जनता हूँ की आपके मार्ग आनंद , शांति और संतोष का मार्ग है । कृपया मुझे हियाव दे की मै उसपर आत्मविश्वास से चल सकू ।येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

टिप्पणियाँ