आज के वचन पर आत्मचिंतन...
"बाते तुच्छ है ।" "काम शब्दों से अधिक जोर से बोलते है ।" आओ हम अपने परिवार, मित्रो और मसीह में अपने भाईयो और बहनो के प्रीति अपने प्रेम को अपने जीने के तरीको और हम एक दुसरो के लिए क्या करते है उससे प्रगट करे ।
मेरी प्रार्थना...
प्रेमी और उदार परमेश्वर, अब्बा पिता , मुझे क्षमा कर की तेरे बच्चो के प्रति मेरे प्रेम को केवल शब्दों की बात बना कर रखदी।कृपया मुझे अवसर दे की आज मै मसीह में मेरे भाइयो बहनो में से के किसी एक को दयालु काम , सभ्य कार्य और सेवा करने का एक तरीके से आशीषित कर । अपने मुक्तिदाता के सामान मै अपने प्रेम को प्रगट करना चाहता हूँ ।येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन ।