आज के वचन पर आत्मचिंतन...

कितना भला हैं यह की परमेशवर इतने नजदीक होना जितनी उसकी परछाई और उसकी सुरक्षित उपस्तिथि में भागी होना। वह दूर नहीं यदि हमारा ह्रदय उसके करीब आने का चुनाव करें। आइयें उसके करीब जाने का चुनाव लेते हैं!

Thoughts on Today's Verse...

How good it is to be as close to God as his shadow and to share in the comfort of his sheltering presence. He is not far if our hearts choose to draw near him. Let's choose to draw near!

मेरी प्रार्थना...

हे महान सर्वसमर्थी परमेश्वर, दयालु चरवाह और अब्बा पिता, अपने करीब होने का अहसास मुझे ज्ञात करा। मैं आपके उपस्तिथि में रहने के लिए तरसता हूँ जबकि मैं आपके पवित्रता और अनुग्रह को अपने जीवन से चमकाने की कोशिश करता हूँ। येशु के लहू के द्वारा मैं आपके करीब आता हूँ आपके प्रेम के और अनुग्रह के सम्पूर्ण आश्वासन में। येसु के नाम से, जो नाम सब नामों में ऊंचा हैं मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन।

My Prayer...

O great Almighty God, tender Shepherd and Abba Father, make known to me your nearness. I long to live in your presence as I try to reflect your holiness and grace. By Jesus' blood I draw near to you in full assurance of your love and grace. In the name of Jesus, the name above all names, I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of भजनसंहिता ५१:१

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