आज के वचन पर आत्मचिंतन...

दाऊद की पत्नी मीकल ने राजा दाऊद का उपहास किया क्योंकि दाऊद ने वाचा के संदूक के लौटने पर नाच गाकर खुशी मनाई थी। मीकल को लगा दाऊद एक राजा के शान के विरुद्ध नाच रहे थे। लेकिन दाऊद, मीकल की बातों से विचलित नहीं हुए। संदूक का लौटना खुशी का मौका था। उनका परमेश्वर ही सच्चा और जीवित परमेश्वर था। उनके परमेश्वर ने उन्हें खतरनाक शत्रुओं पर बार-बार विजय दिलाई थी। कठिनाइयों, दुखों और भटकने के लंबे इतिहास में परमेश्वर ने उनके लोगों की रक्षा की थी। खुशी के मारे दाऊद पूरे दिल से, नाचते हुए और इस्राइल में अपने पद की चिंता किए बिना प्रभु के सामने जश्न मनाने के लिए दृढ़ थे। परमेश्वर ने मुक्ति का यह दिन लाया था, इसलिए दाऊद ने कहा, "मैं प्रभु के सामने जश्न मनाऊंगा।" क्या हमें भी नहीं मनाना चाहिए?

मेरी प्रार्थना...

हे परमेश्वर सर्वशक्तिमान, आप कृपा और दया से परिपूर्ण हैं, आपकी शक्ति और पवित्रता अद्भुत है। आप मेरा आनन्द, मेरी आशा और मेरा भविष्य हैं। मैं आप में ही मनाता हूँ, क्योंकि सिर्फ आप ही सारी महिमा, आदर और स्तुति के पात्र हैं। हे प्रभु, मैं आपका जश्न मनाऊंगा क्योंकि सिर्फ आप ही मेरी स्तुति के योग्य हैं! यीशु के नाम में, मैं हल्लेलुयाह कहता हूँ और आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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