आज के वचन पर आत्मचिंतन...

कौन या क्या आपका पीछा कर रहा है? क्या यह कोई पुरानी गलती है? क्या यह कोई पुराना शत्रु है? क्या आपके जीवन में कोई लत है जो आपको नीचे खींच रही है? क्या यह आपका विवेक है? क्या यह अपराध बोध की तीव्र भावना है? क्या यह कोई है जो आपको शारीरिक नुकसान पहुंचाना चाहता है? क्या यह कोई शारीरिक बीमारी है? क्या यह लंबे समय तक रहने वाला भय है या आपके भविष्य के बारे में अनिश्चितता है? हमारे पास ऐसी कई चीज़ें हैं जिनसे हम डर सकते हैं और महसूस कर सकते हैं - एक दीर्घकालिक एहसास कि जिन चीज़ों से हम डरते हैं वे हमारा पीछा कर रही हैं। तो बड़ा सवाल यह है ! जीवन के सभी तूफानों और संघर्षों के बीच हम शांति और सुरक्षा पाने के लिए कहां जाएं? केवल एक ही है जो सच्चा और स्थायी आश्रय हो सकता है। सिर्फ एक परमेश्वर! और यदि तुम उस में शरण लो तो यही यहोवा तुम्हें छुड़ाना और बचाना चाहता है!

Thoughts on Today's Verse...

Who or what is pursuing you? Is it a past mistake? Is it an old enemy? Is it an addiction in your life that is dragging you down? Is it your conscience? Is it a nagging sense of guilt? Is it someone who wants to do you physical harm? Is it a physical illness? Is it a lingering sense of dread or an uncertainty about your future? We have many things that we can fear and feel — a lingering sense that these things we dread are pursuing us. So the bigger question is: Where do we go to find peace and security amid all the storms and struggles of life? There is only One who can be a true and lasting refuge. Just One: The Lord God! And this One Lord longs to deliver and save you if you take refuge in him!

मेरी प्रार्थना...

पिता परमेश्वर, आप मेरी शरण और शक्ति के स्रोत हैं। यह विशेष रूप से सच है जब मेरा साहस खत्म हो गया है, और अब मेरी आत्मा थक गई है। कृपया, हे प्रिय पिता, उन सभी ताकतों और शक्तियों और शत्रुओं को नष्ट कर दें जो मेरा पीछा करते हैं और मुझे बंदी बनाना चाहते हैं और मुझे आपसे दूर करना चाहते हैं। यीशु के नाम पर, मैं विश्वास के साथ प्रार्थना करता हूं कि आप मेरी शरण हैं। आमीन।

My Prayer...

Father God, you are my refuge and source of strength. This is especially true when my courage is gone, and my soul is weary. Please, dear Father, destroy all the forces and powers and enemies that pursue me and seek to take me captive and draw me away from you. In Jesus' name, I confidently pray that you are my refuge. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of भजन संहिता 7:1

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