आज के वचन पर आत्मचिंतन...
चलो मान लेते है । हम में से बहुत से लोग चाहते है की आत्मिक बढ़ोतरी सरल हो । हम चाहते है की परीक्षाओ का सामना करने की क्षमता में से हमे काम मेहनत लगे । हम चाहते है की पवित्र आत्मा काम करे और परमेश्वर हमे अधिक तनाव और चिंता से बचाए । धन्यवाद् है की , परमेश्वर पवित्र आत्मा द्वारा समर्थ देता तो है । यद्यपि , वह हमे याद भी दिलाता है की , हमे जानकर अपनी इच्छा परमेश्वर के अधीन कर और शैतान का प्रतिकार करे ताकि आत्मा हमारे द्वारा शक्तिशाली तौर पर काम करे । यदि हमे उसके और उसके परीक्षाओ के विरुद्ध लड़ाई करे तो वह हमारे पास से भाग जायेगा । हम अपना भाग करते है , की परमेश्वर पर भरोसा करे की वह अपने वचाओ से अधिक थामे रहेगा ।
Thoughts on Today's Verse...
Let's admit it. Most of us would like for spiritual growth to be easy. We want our ability to withstand tempation to require little effort. We want the Holy Spirit to do the work and God to protect us from too much stress and strain. Thankfully, God does empower us through his Holy Spirit. However, he does remind us that for the Spirit to work powerfully in our lives, we must intentionally submit our wills to God and we must resist the devil. If we will put up a fight against him and his temptations, he will flee from us. Let's do our part, trusting that God will more than uphold his promises!
मेरी प्रार्थना...
पिता , धन्यवाद् की आपकी उपस्तिथि और समर्थ पवित्र आत्मा के द्वारा मुझ में बानी रही ।धन्यवाद् उन वचनो के लिए जो आपकी इच्चाओ को मुझे पर प्रगट करते है । अब , प्रिय पिता मैं अपनी इच्छा सहखुशी से आपके इच्छा के अधीन करता हूँ , मुझ में आपकी इच्छा पूरी हो यह मांगता हूँ ।कृपया आपके लोगो को और आपकी आत्मा को इस्तेमाल करे की वह मुझे उत्साहित करे और प्रोत्साहित करे की मैं शैतान का सामना करू और मुझे आपके प्रति समर्पण से हटाने के प्रयत्नों को पहचान सकू ।येशु के सामर्थी नाम में यह मैं मांगता हूँ । अमिन ।
My Prayer...
Father, thank you for your presence and power in me through your Holy Spirit. Thank you for the Scriptures which reveal to me your will. Now, dear Father, I gladly submit my will to yours, asking you to do your will in me. Please use your people and your Spirit to motivate and inspire me to resist the devil and recognize his attempts to derail my commitment to you. I ask this in the powerful name of Jesus. Amen.