आज के वचन पर आत्मचिंतन...
क्या होगा यदि हम अपने जीवनसाथी का आदर करे ? क्या होगा यदि हम अपनी पत्नी का आदर सार्वजनिक रूपसे करे बजाये किसी आकर्षक अभिनेत्री के ? क्या होगा यदि धन से अधिक चरित्र को महत्व दिया जाये ? मैं विश्वास करता हूँ की इससे हमारी संस्कृति में बदलाव आएगा, हमारे विवाह की आयु बढ़जाएगी और मजबूत और बेहतर नियमित बच्चे उत्पन होते। मैं जनता हूँ की परमेश्वर खुश होता !
मेरी प्रार्थना...
धन्यवाद् पवित्र परमेश्वर उन विश्वास में महान स्त्रियों के लिए जिन्हे मैं वचनो में मिलता हूँ। धन्यवाद् उन ईश्वरीय महिलाओ के लिए जिन्हे मैं तेरे राज्य में मिला हूँ । कृपया मुझे इस्तेमाल करे की मैं दर्शा सकू की मैं ईश्वरीय महिलाओ का आदर करता हूँ और विशेष तौर पर उन का जो सद्गुण वाली पत्निया है और ईश्वरीय चरित्र वाली है । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन।