आज के वचन पर आत्मचिंतन...
येशु की कहीवि बातों में से एक जो उसने अपने पिता जो स्वर्ग में है से कही अद्धभुत बात यह है: " अपने मुझे जो काम सौपा था मैंने उसे पूरा किया ..." यहाँ तक की जब उसने अपनी आंखरी सांस ली , उसने कहा ; "पूरा हुआ "। आओ परमेश्वर की महिमा को अधिकतम प्रार्थमिकता देते हुए अपना जीवन जीए ! परमेश्वर के बच्चे होने के नाते यह हमारा मकसद है (इफी १:६ , १:१२ , १:१४ ; १ पतरस २:९-१० )। जितना अधिक हम राज्यकीय प्रार्थमिकताओ के आधार परजीते है (मत्ती ६ :३३ ) ,उतना ही हम निश्चिंत हो सकते है की येशु के सामान हम अपना जीवन भी समाप्त कर सकते है !
Thoughts on Today's Verse...
One of the most amazing things that Jesus ever said, he said to his Father in heaven: "I have completed the work you gave me to do..." In fact, when he breathed his last, he said; "It is finished." Let's live with the glory of God our highest priority! This is our purpose as God's children (cf. Eph. 1:6; Eph. 1:12; Eph. 1:14; 1 Pet. 2:9-10). The more we live by Kingdom priority (Matt. 6:33), the more we can rest assured that we can finish our lives with a line similar to Jesus!
मेरी प्रार्थना...
प्रिय प्रभु , मुझे में महिमा पाओ ! मेरा उपयोग कर की दूसरे तुझे जाने और तेरे अनुग्रह को । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन।
My Prayer...
Be glorified in me, dear Lord! Use me to bring others to know you and your grace. In Jesus' name I pray. Amen.