आज के वचन पर आत्मचिंतन...

प्रतिशोध , यह एक ख़राब और दर्दनाक तरीका है उनको प्रतिउत्तर देने का जिन्होंने हमारे साथ गलत किया ऐसा हम सोचते है । परमेश्वर हमारा उचित प्रतिफल का आश्वासन है । उस पर छोड़ दो । तीव्र प्रतिशोधपना टूटे हुए लोगो और टूटे हुए जेवनो के और अगुवाई करता है । उससे भी बुरा वह टूटे हुए चरित्र के और ले जाता है ।

मेरी प्रार्थना...

आपकी आत्मा के द्वारा, अब्बा पिता, कृपया मुझे शक्ति से भर की मैं धीरज रह सकू तेरे प्रति जब तू सब अन्याय जो मेरे विरुद्ध हुए है को सही करते हो । कृपया मेरी सहायता कर की मैं उनके उद्धार के प्रति अधिक सोचु जो मेरे विरुद्ध गलत करते है बजाये उसके की उनसे बदला ले सकू । कृपया मुझे अपने बेटे येशु के सामान ह्रदय दे जिस के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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