आज के वचन पर आत्मचिंतन...

जीवन काफी व्यस्त, भटकने वाली बातों से भरा और कार्य सूचि से भरा दिख पड़ता हैं । होने दे की हमारी "व्यस्तता" हमें हमारे पिता के "व्यवसाय" को पूरा करने से न रोके पाए । आइयें उन मार्गों की खोज करते हैं जो परमेश्वर ने वरदान सवरूप दिए हैं की हम उसकी और उसके लोगों की सेवा करें; और फिर पुरे दिल, प्राण, मन और सामर्थ से उसके प्रति समर्पित होजायें।

Thoughts on Today's Verse...

Life is often busy, full of distractions and "to-do" lists. Let's not let our "busyness" keep us from our Father's "business" (Luke 2:49 NKJV). Let's find the ways God gifted us to serve him and his people (1 Peter 4:10-11); then, let's dedicate ourselves to doing our Father's work with all our heart, soul, mind, and strength (Mark 12:30).

मेरी प्रार्थना...

आग्रहकारी परमेश्वर अपने मुझे कितने भिन्न तरीकों से आशीषित किया हैं। इन साडी अनुग्रह की छुअन के लिए धन्यवाद् । पर पिता, मुझे आपकी मदद चाहियें की मैं और स्पष्टता से देखने पाऊ अपने मुझे कौनसे और वरदानों से भरा हैं की जिनसे मैं आपकी सेवा कर सकू और अधिक जोश से इस सेवा को अपनी मुख्या प्राथमिकता बना दू प्रति दिन के अपने जीवन में। धन्यवाद् हमेशा मेरी प्रार्थनाओं को सुनने के लिए। यीशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ। अमिन।

My Prayer...

Gracious God, you have blessed me in so many different ways. Thank you for all these touches of your grace. However, dear Father, I need your help to see more clearly how you have gifted me to serve you, and I need to make that service a key priority in my life each day. Thank you for always hearing my prayers. In Jesus' name, I ask this. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of १ तीमुथियुस ४:१४

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