आज के वचन पर आत्मचिंतन...

येशु हमे परमेशर को प्रगट करते है। एक कारन यह है की वह ऐसा करता है की हम जाने की परमेश्वर कौन है और उसके लिए क्या महत्वपूर्ण है । स्पष्ट रीती से इस प्रार्थना के दौरान येशु के हृदय में एक ही बात है की हम उसके प्रेम को जो हमारे लिए है वो हम आपस में एक दुसरो से बाटे । इस तौर पर, येशु हम में जीवित होते है ।

Thoughts on Today's Verse...

Jesus reveals God to us. One of the reasons he does this is so that we can know who God is and what is important to him. Clearly, the most important thing on Jesus' heart in this prayer is that we share his love for us with each other. In this way, Jesus comes to life in us.

मेरी प्रार्थना...

सर्वसामर्थी परमेश्वर और प्रेमी पिता, कृपया मसीह में मेरे भइओ और बहनो के प्रति मुझे अपने प्रेम से भर । जिस रीती से मैं उनसे व्यहवार करता हूँ मैं तेरा आदर करना चाहता हूँ और मसीह के प्रेम को बाटना चाहता हूँ जिस प्रकार उनसे परस्पर बातचीत करता हूँ । कृपया मुझे आशीषित कर की मई कोशिश करता हूँ की मैं और अधिक आपके प्रेम का अनुग्रहकारी बच्चा बन सकू । येशु के नाम से। आमीन।

My Prayer...

Almighty God and loving Father, please fill me with your love for my brothers and sisters in Christ. I want to honor you in the way I treat them and share the love of Christ in the way I interact with them. Please bless me as I seek to be a more gracious child of your love. In Jesus' name. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of यहुन्ना १७:२६

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