आज के वचन पर आत्मचिंतन...

'आप मेरे हो!मेरा धर्म और महिमा तुम्हारा है!आप पिता के अनन्त पुरस्कार में प्रवेश करो! अगर हम मसीह में हैं,तो हमारे पिता परमेश्वर के साथ हमारा स्वागत है, और हम दंड को सामना नाही करेंगे.उसकी आत्मा हुम्मे रहेता है.'उसकी कृपा ने हमें पाप और मृत्यु की शक्ति से मुक्त कर दिया है।उसकी बेटे ने हमारे पापों के लिए कीमत चुकाई है.हम परमेश्वर के बच्चे हैं!

मेरी प्रार्थना...

हे प्रेमी और दयाळू परमेश्वर आपकी करूना और अनुग्रह के लिये आपको मे प्रसंसा करता हु.आपकी छुटकरा देने वाले प्रेम कभी नही खत्म होती है.आपकी दया अनंत है.तुम्हारा प्यार हर सुबह नया और ताजा है क्योंकि आपकी आत्मा मेरे जीवन को भर देती है और तुम्हारी उम्मीद मुझे एक और दिन का सामना करने के लिए पुनर्जीवित करती है. धन्यवाद!यीषु के नाम से मे आपकी प्रसंसा करता हु. अमीन.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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