आज के वचन पर आत्मचिंतन...
परमेश्वर हमें दो उपहार देता है जो व्यवस्था की धार्मिक मांगों को पूरा करते हैं, लेकिन जो व्यवस्था खुद हमें कभी नहीं दे सकता है। पहला, वह हमें सही पापबलि देता है - उसका पुत्र यीशु - क्षमा करने, शुद्ध करने और हमें हमारे पाप से छुड़ाने । दूसरा, वह हमें उसकी आत्मा देता है ताकि हम समर्थ पाए और हम वही बनें जो वह चाहता है। परमेश्वर हमें नई वाचा में वही देता है जो व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं ने हमें बताये । उसकी योजना, उसके वादों और उसके उपहारों के लिए परमेश्वर की स्तुति करो!
Thoughts on Today's Verse...
Thankfully, God gives us two gifts that fulfill the Law's righteous demands, which the Law itself could never give us. First, he gives us the perfect sin offering — his Son Jesus — to forgive, cleanse, and redeem us from our sin. Second, he gives us his Spirit to empower us to be what he wants us to be. God gives us in the New Covenant what the Law and the Prophets promised was coming. Praise God for his plan, his promises, and his gifts!
मेरी प्रार्थना...
स्वर्गीय पिता, आपकी अतुलनीय दयालुता और अनुग्रह के लिए धन्यवाद, मुझे अपने बहुमूल्य और उत्तम पुत्र और धन्य पवित्र आत्मा के अपने महान और उत्तम उपहार देने के लिए। यीशु के नाम में, और पवित्र आत्मा के अंतर्मन से, मैं आपके प्रिय पिता की प्रशंसा और धन्यवाद करता हूँ। अमिन ।
My Prayer...
Thank you, Heavenly Father, for your incomparable kindness and grace in giving me your great and perfect gifts — your precious and perfect Son and the blessed Holy Spirit to empower us. In Jesus' name, and by the intercession of the Holy Spirit, I praise and thank you, dear Father. Amen.