आज के वचन पर आत्मचिंतन...

यीशु और पौलुस दोनों इस बात पर जोर देते हैं कि भोजन और जल हमें परमेश्वर के करीब नहीं लाते हैं या हमें परमेश्वर से दूर भी नहीं करते हैं - यह वह है जो हमारे हृदय से आता है जो हमें साफ या शुद्ध बनाता है (मरकुस 7:14-23; कुलुस्सियों 2:16)। उनकी शिक्षा का अर्थ है कि मसीह की कृपा के तहत हम क्या खाते और पीते हैं, इसके बारे में हमें अविश्वसनीय स्वतंत्रता है। हालाँकि, हमारी स्वतंत्रता हमें कभी भी किसी कमजोर भाई या बहन के प्रभु के साथ चलने को नष्ट करने का लाइसेंस नहीं देती है। हमें यह अधिकार नहीं है कि हम उन्हें पाप की ओर ले जाएं या जो कुछ हम खाते या पीते हैं उसके कारण उन्हें ठोकर खिलाएं। आइए हम अपनी स्वतंत्रता का उपयोग सोच-समझकर करें, विशेषकर मसीह में अपने नए भाइयों और बहनों के लिए। इन नए मसीहियों को हमारे प्रोत्साहन की आवश्यकता है; उनके पास पहले से ही काफी रुकावटें हैं। आइए अपने हृदयों पर भी ध्यान दें - हमें क्या करने या न करने के लिए प्रेरित करता है, और हम क्या कहना, खाना और पीना चुनते हैं। आइए यह स्मरण रखें कि जो कुछ भी विश्वास से नहीं आता है वह संभवतः हमें पाप की ओर ले जाएगा (रोमियों 14:22-23)।

Thoughts on Today's Verse...

Both Jesus and Paul emphasize that food and drink don't bring us closer to God or distance us from God — it's what comes from our hearts that makes us clean or unclean (Mark 7:14-23; Colossians 2:16). Their teaching means that we have incredible freedom as to what we eat and drink under grace in Christ. However, our freedom never gives us the license to destroy a weak brother or sister's walk with the Lord. We don't have a right to lead them into sin or cause them to stumble because of what we eat or drink. Let's use our freedom considerately, especially toward our new brothers and sisters in Christ. These new Christians need our encouragement; they already have enough stumbling blocks. Let's also focus on our hearts — what motivates us to do or not do, and what we choose to say, eat, and drink. Let's remember that whatever doesn't come from faith is likely going to lead us into sin (Romans 14:22-23).

मेरी प्रार्थना...

सभी अनुग्रह के आधार परमेश्वर, कृपया मुझे नए मसीहियों और उनके विश्वास में कमजोर लोगों के लिए एक प्रोत्साहन और एक अच्छा उदाहरण बनने में करें। कृपया, पवित्र आत्मा, मुझे बुद्धि दें और मेरे जीवन को दूसरों के लिए बुरा उदाहरण बनने से बचाने में मेरी सहायता करें। यीशु के नाम पर, मैं प्रार्थना मांगतेहैं,आमीन।

My Prayer...

God of all grace, please help me to be an encouragement and a good example to new Christians and those who are weak in their faith. Please, Holy Spirit, give me wisdom and help me guard my life from being a bad example to others. In Jesus' name, I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of 1 कुरिन्थियों 8:8-9

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