आज के वचन पर आत्मचिंतन...

Ah! The "Golden Rule" is so straightforward, isn't it? Sometimes we make things far too complicated and complex, especially religious things. I love the Bible because it is often practical and plain when God deals with our behavior. Do you want to know how to treat someone? Then do for them what would be a blessing if it was done to you! Don't do it to them if it doesn't bless, encourage, build up, support, comfort, or help you. If it hurts, wounds, depresses, spites, or discourages you, don't treat others that way. Deal with others using the same dignity, kindness, love, respect, and tenderness you would like used with you. Simple to understand; revolutionary to do. This is the JesuShaped way of living! आह! "सुनहरा नियम" बहुत ही सीधा है, है ना? कभी-कभी हम चीजों को बहुत अधिक जटिल और पेचीदा बना देते हैं, खासकर धार्मिक चीजों को। मुझे बाइबिल बहुत पसंद है क्योंकि जब परमेश्वर हमारे व्यवहार से निपटते हैं तो यह अक्सर व्यावहारिक और स्पष्ट होती है। क्या आप जानना चाहते हैं कि किसी के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए? तो फिर उनके लिए वही करें जो आपके लिए किया जाए तो आपके के लिए क्या आशीष होगी ! यदि यह आपको आशीष, प्रोत्साहन, विकास, समर्थन, विश्राम या सहायता नहीं करता है तो उनके साथ ऐसा न करें। यदि यह आपको पीड़ा पहुँचाता है, घायल करता है, उदास करता है, द्वेष करता है, या हतोत्साहित करता है, तो दूसरों के साथ उस तरह का व्यवहार न करें। दूसरों के साथ उसी गरिमा, दयालुता, प्रेम, सम्मान और कोमलता का उपयोग करके व्यवहार करें जो आप अपने साथ करना चाहते हैं। समझने में सरल; करने के लिए एक क्रांतिकारी की तरह, यह जीवन जीने का तरीका यीशु के अनुसार का जीवन है!

मेरी प्रार्थना...

सर्वशक्तिमान परमेश्वर, कुछ चीज़ों को समझने में इतना आसान बनाने के लिए आपका धन्यवाद। कृपया मेरे दिल को अपने प्यार से भर दें ताकि मैं अपने रिश्तों में "सुनहरा नियम" जीने की कोशिश सकूँ। प्रभु यीशु के नाम से, मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन!

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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