आज के वचन पर आत्मचिंतन...
शब्द हमसे बातें करता है और ब्याख्या करता है| हम किसी ब्यक्ति को कह सकते हैं की हम उनसे प्रेम करते हैं| और हम उन्हें समझा भी सकते हैं की वे हमारे लिए कितने बहुमूल्य हैं| जब हम अपनी पसंद किसी और ब्यक्ति के लिए बलिदान करते हैं इससे हम उन्हें दिखा सकते हैं की हमारा उनके प्रति आदर और स्नेह है|जब हम अपने आप को, हमारी इच्छाओ को, और अपनी पसंद को अपने दोस्त के लिए बलिदान करते हैं तो यह हमारे प्रेम जो सबसे बड़ा उपहार है बिना किसी संदेह के प्रमाणित करते हैं|
Thoughts on Today's Verse...
Words communicate and explain. We can tell someone we love them. We can explain how precious they are to us. Actions validate and confirm. When we sacrifice our preferences for another, we show our respect and affection. When we sacrifice ourselves, our wishes, and our preferences for a friend we give the greatest of all gifts and prove our love beyond any doubt.
मेरी प्रार्थना...
पिता आपके प्रेम के लिए धन्यवाद जिसके लिए अपने येशु को मेरे पापों के बदले भेजा| येशु, आपके प्रेम से भरे बलिदान के लिए धन्यवाद जो की मुझे न सिर्फ उद्धार देता है वरन आपके प्रेम की सम्पूर्ण सीमा को दर्शाता है|येशु के नाम से मैं आपका धन्यवाद करता हूँ|आमीन!
My Prayer...
Father, thank you for loving me enough to send Jesus as a ransom for my sins. Jesus, thank you for your loving sacrifice that not only saves me, but shows me the full extent of your love. In Jesus' name I thank you. Amen.