आज के वचन पर आत्मचिंतन...
परमेश्वर ने अपने बुद्धिमता का स्तेमाल करके इस ब्रम्हांड और इसमें विधमान सारी चीजो को बनाया|उसकी शालीनता से, हरेक जिव और वस्तु को उसके स्थान पर नियुक्त किया ताकि वे अपनी चकाचौंध और विभिन्नताएं को प्रदर्शित करे|और उसने उससे आदर और उसकी बुद्धिमता की खोज करने वालों को चुना ताकि उनके साथ वह ज्ञान और परखने की शक्ति को बाँट सके| यदि हम उसकी बुद्धिमता और परख का इस्तेमाल करेंगे जो गहनों से उत्तम, आशीष को प्राप्त करेंगे जो हमारे जीवन को भरपूर बनाएगा|
Thoughts on Today's Verse...
God used his wisdom to create the cosmos and all that is in it. Through his discernment, he appointed to each being and to each item its place in his dazzling display of diversity. He has chosen to share that wisdom and discernment with those who reverence him and search for his wisdom. If we will use that wisdom and discernment we will possess the greatest of all jewels and a blessing that will enrich our life.
मेरी प्रार्थना...
पिता, मैं ये जनता हु की मेरे मांगने पर आप मुझे बुद्धिमता की आशीष देंगे| प्रिय पिता मैं आपसे बुद्धि को मांगता हूँ| मैं एक पवित्र जीवन जीना चाहता हु जो की आपके स्वभाव को प्रदर्शित करे और आपकी पवित्रता को आदर दे|मुझे अपनी बुद्धिमता से और परख से आशीषित करें ताकि जब मैं कोई निर्णय लूँ तब दूसरो के जीवन को लाभान्वित कर सकूँ|येशु क नाम से मांगता हूँ| आमीन|
My Prayer...
Father, I know that you will bless me with wisdom if I ask. I am asking for that wisdom, dear Father. I want to live a holy life that is clearly a reflection of your character and in honor of your holiness. Bless me with wisdom and discernment as I face the day-to-day decisions that I must make that impact the lives of others. In Jesus name. Amen.