आज के वचन पर आत्मचिंतन...

आपके महत्त्व का स्त्रोत क्या है? इस नीतिवचन ने हमें हमारी संस्कृति से ऊपर उठ कर देखने के लिए चुनौती दी है| अधिनता विनम्रता के साथ सहानुभूति परमेश्वर के द्वारा महत्व दिया जाता है, न की निंदा, शक्ति, अहंकार| परमेश्वर ने साधारणतः ही हमें इस नीतिवचन को नि दिया, बल्कि उसने अपने पुत्र को इसे प्रदर्शन करने के लिए भेजा|अब जब हम इसे जीना सिख गए| आह! लेकिन यीशु हमें यह दिखाने का मौका देता है जब वह कहता है, "मेरे पीछे आओ!" (यहुन्ना 13)

मेरी प्रार्थना...

पिता, मैं अपनी कमजोरी और प्रलोभन की भेद्यता को पहचानता हूं, मेरे संस्कृति के मुखिया के आकर्षण के लिए, और "लोकप्रिय भीड़" के समान होने का दबाव। यीशु के लिए धन्यवाद, जिनके पास शक्ति थी, लेकिन नम्रता को प्रदर्शित किया था, जिनके पास पद होते हुए भी, छोड़ा हुआ, भुलाया गया हुआ, अस्वीकार कर दिया गया था। कृपया मुझे दुनिया में बदलाव लाने के लिए उपयोग करें उन लोगों के लिए, जो बाहर छोड़ दिये गये है, भुला दियें गए हैं, और बेदखल कर दिए गए हैं, येशु के नाम में। आमीन|

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। phil@verseoftheday.com पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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