आज के वचन पर आत्मचिंतन...

क्या आपने हाल ही में प्रभु की खोज की है ? हम में से कईयों ने पिछले हफ्ते अपने जीवन का सबकुछ उसे देने का समर्पण किया था : आपने अपने समर्पण के साथ कैसे रहे है ? परमेश्वर बुद्धि देने का वादा करते है उनको जो मांगते है और शंका नहीं करते है । क्या हल ही में आपने बुद्धि मांगी है ? आइये हम अपने दिलों को मिलाये, और आत्मा की सहायता से, अपने पिता की खोज करे की हम मिलकर उसे आदर और महिमा दे सके, की उसके उपस्तिथी में हमारी आशीष पा सके ।

मेरी प्रार्थना...

ऊँचे पे महिमा हो, इस्राएल के पवित्र, मेरे पिता और मेरे परमेश्वर, मैं अपने हृदय, मन, प्राण और शक्ति से खोजता हूँ। मैं पूर्णतः आप को और अधिक जानना चाहता हूँ । मैं पूरी रीती से मेरे जीवन में आपके अगुवाई और इच्छा के अनुसार चाहता हूँ । आज मेरे करीब रह । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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