आज के वचन पर आत्मचिंतन...
हम चाँद के समान है ; जो महिमा हम प्रगट करते है वह हमारे जीवनो में महान जीवन का प्रतिबिंभ है जो हम में से उत्पन नहीं होती वरन हमारे द्वारा दूसरों के लिए आशीष होती है । परमेश्वर की ओर देखो अपनी आशा, शक्ति,उसूलों, सिद्धांतों, सुरक्षा, और ज्योति के लिए।
मेरी प्रार्थना...
पिता, मैं तेरी खोज करता और तुझे ही देखता हूँ । जब मैं चुनौतियों और परीक्षाओं का सामना करू तो आप मेरे करीब रहना । मेरे पापों और कमजोरियों के कारन उस दुष्ट को मुझे शर्मिंदा मत होने देना। मेरे जीवन की बुराइयों पर जय प्राप्त कर की तेरी महिमा हो । येशु के नाम से । आमीन ।