आज के वचन पर आत्मचिंतन...
कुछ गरीबों के रोने की ओर कान लगते है या सुविधाहीनो की फरियाद के प्रति कार्य करते है । यदि हम अपने पिता के सच्चे बच्चे होना चाहते है तो , उसके उसूल हमारे भी हो, उसकी खोई हुई भेड़ो की खोज हमारी चाह होनी चाहिए। आओ हमारे आस पास उनकी मद्दत करे जो इस जरुरत में हो की जब वे परमेश्वर को पुकारे वे यह जानले की वे भुलाये नहीं गए है । आइये हम उसके अनुग्रह को पहुंचने वाले कार्यप्रणाली बन जाये ।
मेरी प्रार्थना...
अनुग्रहकारी ओर पवित्र पिता, कृपया मुझे इस्तेमाल करे की मै आपके अनुग्रह को पहुंचने वाले कार्यप्रणाली बन जाऊ । येशु के नाम से , जो आपकी ओर से अनुग्रह का महानतम भेट है । आमीन।