आज के वचन पर आत्मचिंतन...

मैं उसे देख नहीं पाता, पर जनता हूँ की वह है! वही प्रभु का दूत जिसने इस्राइलियों के शत्रुओं को हराया था वह अब आपके आस-पास होने वाली आत्मिक युद्ध की लड़ाइयां आप के लिए ओर मेरे लिए लड़ रहा है ।

मेरी प्रार्थना...

प्रिय पिता, मुझे विश्वास दे की मैं यह विश्वास कर सकू की आपके स्वर्गीय दूत मेरे आस-पास है और मुझे आप तक महिमा के साथ और बड़े उत्साह के साथ पोहचायेंगे । धन्यवाद् ! येशु के नाम से। आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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