आज के वचन पर आत्मचिंतन...
विश्वास के कुछ पहलु वर्णन से परे है : वे केवल अनुभव से और करने के द्वारा जाने जा सकते है । परमेश्वर को चखो । उसकी भलाई को जाचो । उसके अनुग्रह पर निर्भर हो जाओ। उसके देख-भाल में आश्रय लो । हम आशिषित है की वह हमारे करीब है और हमारे जीवन के बड़े खतरों में और मृत्यु के महान भय से, उसमे आश्रय पा सकते है ।
मेरी प्रार्थना...
प्रिय पिता, मेरी सहायता कर की मैं आपको और बेहतर रूप से जान सकू । प्रिय प्रभु मेरे हृदय को खोल की मैं और अधिक पूर्णतः आप की देख-भाल पर भरोसा रख सकू । मेरी आँखों को खोल की मैं देख सकू की आप कितने अनुग्रहकारी हो — मुझे प्रभावित करने के लिए नहीं वरन की मैं आपके अनुग्रह में भागी हो सकू । धन्यवाद् आपकी भलाई के लिए। येशु के नाम से। आमीन।