आज के वचन पर आत्मचिंतन...
क्या और कोई परिभाषा है जो इससे बड़ी हो की माता पिता की भूमिका क्या होती है ? आईये यह निश्चय करे की अपने चक्करदार मंग्गे और हमारे जीवनो में शामिल होनेसे हम कहीं मुख्या बात ना भूल जाये जो हमे परमेश्वर ने दिए है माता -पिता , शिक्षकों और मित्रों की हम बच्चों की के जीवनो में किया जाये ।
मेरी प्रार्थना...
हे स्वामी, प्रभु परमेश्वर मेरे उद्धारकर्ता और पोषण करनेवाले, कृपया मेरे हृदय की प्राथमिकताएं मेरे बच्चो के जीवन पर आधारित रखना। येशु के नाम से । आमीन।