आज के वचन पर आत्मचिंतन...
परमेश्वर हमे उसके पवित्र बच्चो की नाई चाहता है । यही उसकी योजना थी हमारे लिए संसार के शुरवात से भी पूर्व । परमेश्वर ने एक बड़ा दाम चुकाया हमे अपने परिवार में गोद लेने के लिए — उसके पुत्र येशु का बलिदान । परमेश्वर के उद्देश्य ने यह किया ? हमे प्रेम करने की उसकी चाहत और ख़ुशी ।
Thoughts on Today's Verse...
God wants us as his holy children. That was his plan for us even before the world began. God paid the huge price of our adoption into his family — the sacrifice of his Son Jesus. God's motive in doing this? His desire and delight in loving us.
मेरी प्रार्थना...
प्रेमी पिता और पवित्र परमेश्वर, मेरे शब्द आपके प्रेम और अनुग्रह के प्रति मेरे धन्यवाद् को पर्याप्त रूपसे बयान नहीं कर सकते । मैं बहुत आदर महसूस करता हूँ की मैं आपके दत्तक संतानों में से एक हूँ और चाहता हूँ की मेरे जीवन के जीने के तरीकों से मैं आपको आनंद दे सकू । मुझे क्षमा करे जब भी मैंने आपको निराश किया है या मुझसे आपकी इच्छाओं के अनुरूप नहीं जिया। मैं चाहता हूँ की मेरा जीवन एक पवित्र धन्यवाद् हो आपके लिए आपके अनुग्रह के लिए ।येशु के नाम से मैं प्रार्थना करता हूँ । आमीन।
My Prayer...
Loving Father and Holy God, my words cannot adequately express my thanks for your love and grace. I am honored to be one of your adopted children and want to bring you joy in the way I live. Forgive me for the times I have disappointed you or not lived up to what you desire of me. I want my life to be a holy thanksgiving to you for your grace. In Jesus' name I pray. Amen.