आज के वचन पर आत्मचिंतन...
कई बार हम केवल उन्ही बातों में केंद्रित हो जाते है जो हमे पसंद होता है, जिसे करने में हम अच्छे होते है, या फिर जिसे पूरा करने में हमे रूचि होती है । परमेश्वर चाहता है की हम उसके आत्मिक हत्यारों में से हर एक हत्यारों का इस्तेमाल करे । वह चाहता है की हम अनुशाषित हो जाएँ और अपने आत्मिक कमजोरोयों के क्षेत्रों में और जो क्षेत्र में हमे अधिक उत्तेजक या रुचिदायक नहीं करते उनमे हम उन्नति करे। हमारा दुष्ट विरोधी धूर्त है और हमारे कमजोर और अतिसंवेदनशीलता के क्षेत्रों में हम पर आक्रमण करने की कोशिश करता है। तो हम ना केवल हमारे रूचि के और गुणों के क्षेत्रों में सतत समर्पित रहे, बल्कि विशेष तौर पर उन क्षेत्रों में जिनमे हमे रूचि और गुणवंत नहीं है ।
Thoughts on Today's Verse...
So often we are focused only on the things we like, we are good at doing, or we are interested in accomplishing. God wants us to use every piece of his spiritual armor. He wants us to be disciplined and grow in the areas of our spiritual weakness and the areas we don't necessarily find exciting or interesting. Our evil opponent is crafty and will try to attack us in the areas of our weakness and vulnerability. So let's not just commit to be diligent in the areas of our interest and strength, but especially in those areas where we are not.
मेरी प्रार्थना...
पिता, जिन क्षेत्रों में मैं पाप के प्रति अधिक संवेंदनशील और अलसी हूँ मुझे शक्ति दीजिये । मेरी आँखों को खोलियें की मैं मेरे कमजोर क्षेत्रों को देख सकू । मेरे हृदय को फिरसे जलायें की मैं जोशपूर्णता से आपकी पवित्रता को खोजू। येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । आमीन।
My Prayer...
Father, strengthen me in the areas where I am most vulnerable to sin or lethargy. Open my eyes to help me see my areas of weakness. Rekindle my heart to passionately seek after your holiness. In Jesus' name I pray. Amen.