आज के वचन पर आत्मचिंतन...

पौलुस हमे स्मर्ण दिलाता है की हमारा बपतिस्मा पानी में दुप्की से अधिक था । बपतिस्मे में, हमने येशु के साथ मृत्यु में, गड़े जाने में, और जी उठने में भाग लिया हैं । जो उसने हमे बचने के लिए किया अब हम उसके साथ भागी हैं । हम पाप में मरे हुए और एक नए मनुष्य होकर जी उठे है, शुद्ध और पवित्र किये गए हैं, पवित्र आत्मा द्वारा सामर्थ पाए हुए हैं । हम पाप की शक्ति और सजा से मुक्त कर दिए गए हैं ।

मेरी प्रार्थना...

पिता, मुझे येशु में नया जीवन देने के लिए धन्यवाद । मैं सच मे धन्यवादी हूँ की मेरा दोष आपके अनुग्रह द्वारा ढाका दिया गया हैं। पाप से आज़ादी वाला जीवन जीने के लिए शकित को मांगता हूँ । पाप के साथ माध्यमतः और छेड़खानी वाले मेरे क्षणों के लिए मुझे क्षमा करे । जो कुछ भी मेरे प्राण को दूषित करे या मेरे हृदय को आपकी इच्छा से भटकाए इसके विरुद्ध मुझे एक मजबूत घृणा की भावना दीजिए।येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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