आज के वचन पर आत्मचिंतन...
क्या ही शानदार आशीष का समय है, हम परमेश्वर को व्यक्तिगत रूप से जानेंगे। लेकिन सिर्फ हम ही नहीं, विश्वासयोग्य के विशाल सहगान ( कोरस ) आनंद का एक गीत गाएंगे क्योंकि वे परमेश्वर को जानते हैं। आइए उस दिन की आशा करें, और एक मन होकर परमेश्वर को ढूढें । आइए केवल परमेश्वर के बारे में एक तथ्यात्मक ज्ञान के लिए समझौता न करें, लेकिन वास्तव में उसके काम में सहभागी होने, उसके चरित्र को, और उसकी उपस्थिति हमारे जीवन में ढूढ़ने के द्वारा जानें |
मेरी प्रार्थना...
प्रिय पिता, आज मेरे पास रहिये । कि मैं आपकी उपस्थिति से अवगत रहूं कि आज चाहे कुछ भी हो मुझे उससे कोई फर्क न पड़े । मैं चाहता हूं कि आप मेरे शाश्वत चरवाहे बनो, जो अपनी भेड़ों को देखता है और जिसे मैं अपने छुटकारा देने वाला, उद्धारकर्ता और मित्र के रूप में जानता हुँ । यीशु के नाम में मैं प्रार्थना करता हूँ। आमीन !