आज के वचन पर आत्मचिंतन...
कभी-कभी आशीष के सबसे बड़े अवसर वाले लोग उन्हें तिरस्कार करते हैं और अपनी विरासत और संस्कृति की पापी आदतों में पड़ जाते हैं। लेकिन परमेश्वर की इस अस्वीकृति के परिणाम, और उसकी इच्छा, प्रचंड हैं। हमारे भक्तिपूर्ण लोगो में पिछले दस दिनों के लिए, हमने उस शानदार भविष्य को देखा है जो मसीह के साथ चलने में है। दुर्भाग्य से, कुछ ऐसे हैं जो कभी भी अनुग्रह की उस ट्रेन पर नहीं चढ़ पाते हैं। वे परमेश्वर का अनुशरण नहीं करते हैं और जो करते हैं उनका तिरस्कार करते हैं। उनकी आलोचना के सामने, आइए सुनिश्चित करें कि हम वास्तव में परमेश्वर की बुलाहट के प्रति निष्ठावान हैं, केवल शब्द में ही नहीं, बल्कि कर्म में भी।
मेरी प्रार्थना...
प्रिय स्वर्गीय पिता, मैं आपके साथ रहने के लिए उत्सुक हुँ । फिर भी, प्रिय पिता, मैं विश्वासयोग्य होने की प्रतिबद्धता में कई चुनौतियों का सामना करता हुँ । मैं उन लोगों की बुरी और पापी आदतों में नहीं पड़ना चाहता, जो मेरे सामने गए हैं और जिन्होंने आपके खिलाफ विद्रोह किया है। कृपया मेरे विश्वास को उन लोगों की तरह सशक्त करें जिन्होंने सम्पूर्ण हृदय से आपकी सेवा की। कृपया मुझे प्रत्येक अशुद्ध कार्य या विचार से अवगत कराएँ। यीशु के नाम से | आमीन !