आज के वचन पर आत्मचिंतन...
हमारा जीवन मसीह में क्या ही आशीषित है ! हम नए मसीहियों को हमारी संगती में स्वागत करते है की उनके साथ भी ये आशीष बाँट सके । हम उन्हें इस लिए नहीं बुलाते की उनके पिछले गलतियों या वर्त्तमान के संघर्षों में ताकाझांकी करे , परन्तु उन्हें परमेश्वर के परिवार के प्रेम में बुलाते । परमेश्वर ने हमे अनुग्रह और करुणा के साथ स्वागत किया है । आओ वही हम नए मसीहों के साथ भी करे ।
मेरी प्रार्थना...
पिता, कृपया मुझे मेरे मसीही भाइयों और बहनों के प्रति और अधिक समझदार और धीरजवन्त बना, विशेषकर जो नए मसीह हैं । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन