आज के वचन पर आत्मचिंतन...
यीशु पर विश्वास यह एक महत्वपूर्ण सटीक प्रतिक्रिया है परमेश्वर के अनुग्रह के प्रति और क्या ही जीवन परिवर्तन करने वाली आशीष हैं । उस दरोगा के लिए, यीशु को प्रभु जान कर उसक सुसमाचार को सुनना और उस सन्देश पर विश्वास करके प्रतिउत्तर देना,तुरंत बपतिस्मा लेना, बदला हुआ जीवन दर्शाना, और दूसरे विश्वासियों के साथ संगती को बाटना यह विश्वास का मतलब था( प्रेरितों के काम २:४२-४७)। कैदियों का दरोगा से बदल कर उनके जख्मो को अपने ही घर में साफ़ करनेवाला हो जाना के विषय में सोचियें! सोचिये की आप दर्दनाक कैद में लोगों के लिए जिम्मेदार हैं और वही लोग आपको और आपके परिवार के सभी लोगों को बपतिस्मा देते हैं ! सोचिये लोगों को सांकल से बांधना और बादमे उन्ही के साथ मेंज पर बैठकर भोजन करना ! क्या परमेश्वर अविश्वसनीय नहीं हैं ! क्या उसका अनुग्रह अवर्णनीय नहीं हैं! इसमें कोई अचंभित होनेवाली बात नहीं की हम खुस होते हैं जब वे जो खोये हुए हैं सचमे विश्वास करते हैं ! जीवन अन्नंत काल के बदल जाता हैं ।
Thoughts on Today's Verse...
Faith in Jesus is the absolutely crucial response to God's grace and is such a life-transforming blessing. For the jailer, faith meant hearing the gospel of Jesus as Lord and responding by believing that message, being baptized immediately, demonstrating a life change, and sharing in fellowship with other believers (cf. Acts 2:42-47). Imagine going from being the jailer over men to washing their wounds in your own home! Think about being responsible for the painful incarceration of men, then have these men baptize you and your family that same night! Imagine locking in chains men who would later sit at your table sharing a meal! Isn't God incredible! Isn't his grace indescribable! No wonder we rejoice when those who are lost truly believe! Life is forever different.
मेरी प्रार्थना...
पिता धन्यवाद् की अपने अनुग्रह से मुझ तक आश्चर्यजनक बाते लाए । कृपया मुझे अशिक्षित करें की मैं जिनसे मैं प्रेम करता हूँ उन्हें आपके अनुग्रह को बाटने की कोशिश करता हूँ यीशु के शुभसंदेश को उनतक पोहचाने के द्वारा । प्रभु यीशु के नामसे प्रार्थना करता हूँ । अमिन।
My Prayer...
Father, thank you for the surprises you have brought to me by your grace. Please bless me as I try to share your grace by presenting the Gospel of Jesus this week to those I love. In the name of the Lord Jesus I pray. Amen.