आज के वचन पर आत्मचिंतन...
छुटकारा पाए हुए की नाई जियों ! आओं प्रति दिन के अपने जीवन में प्रेम और चरित्र दिखाए । आओं विशेषकर मिलकर काम करें एक ही आवाज़ में और आत्मा से येशु की सेवकाई में सुसमाचार प्रचार के लिए उन तक जिन्होंने अभीतक परमेश्वर के अनुग्रह नहीं सूना , एक सशक्त प्रयास करे। विरोधियों के मुँह पर नहीं हम निवारण या विभाजन न हो । बल्कि मिलकर काम करते हैं सुसमाचार के निमित ।
मेरी प्रार्थना...
हे प्रभु,, हमे अति एकता मकसद देना हैं और विरोध के चेहरे पर अति हियाव देना की साडी दुनिया भर को दिखा सके की हम उसकी संतान हैं और येशु के चेले । हमारे प्रभु के और मसीह के नामसे हम प्रार्थना करता हैं । अमिन ।