आज के वचन पर आत्मचिंतन...
"धर्मशाला में कोई जगह नहीं था!" "उसे एक चरनी में रखा गया था!" तो अक्सर हम अमीर, सुंदर, शक्तिशाली, और प्रतिष्ठित के साथ खेलना पसंद करते है.क्या यह दिलचस्प नहीं है कि परमेश्वर ने विधवा, अनाथ, और परायी और अजनबी के रक्षक के रूप में खुद को प्रकट किया है और फिर दुनिया में एक यहूदी बढ़ई का बच्चा और छोटे शहर से एक युवा कुंवारी के गर्ब में प्रवेश किया। परमेश्वर चाहता है कि हम अपने आस-पास की ज़रूरत वाले लोगों पे ध्यान दें। वह चाहता है न केवल हम क्रिसमस पर सालाना अच्छा इशारे करे ,उस ससे अधिक होना चाहिए.वह चाहता है कि हम यूसुफ, मरियम और यीशु जैसे लोगों के लिए अधिवक्ताओं बनें। हमें सिर्फ निष्पक्ष होने नहीं बताया गया है; हमें उन लोगों के अधिकारों का बचाव करने और बचाव करने के लिए कहा गया है, जो ज़रूरत में है.जब हम करते हैं, हम उस कार्य को प्रभु के लिए ऐसा करते है. (मत्ती 23 व अध्याय पडीये.)।
मेरी प्रार्थना...
पवित्र पिता, मेरे आस-पास के लोगों के लिए मुझे और अधिक जागरूक बनाये,जिसे आपके प्रेम और अनुग्रह की आवश्यकता है। उनकी सेवा करने के लिए और रक्षा करने के लिए मुझे आपकी उपकरण बनाये.जो लोग जरूरत में है उन लोगों के चेहरे पर यीशु को देख ने के लिए मेरी आँखे खोलें.मेरे उद्धारकर्ता यीशु, जो सभी लोगों के उद्धारकर्ता है उनके नाम पर ,मैं प्रार्थना करता हूँ. अमिन.!