आज के वचन पर आत्मचिंतन...
"पहली बार में ही सच बोलो, फिर तुम्हें यह याद नहीं रखना पड़ेगा कि तुमने क्या कहा था।" एक प्रसिद्ध वक्ता, सैम रेबर्न का यह कथन आज हमारे लिए अच्छी दवा है। झूठ बोलना उस समय आकर्षक लगता है, लेकिन यह लगभग हमेशा हमारे साथ रहता है और हमें यह याद रखने का अतिरिक्त बोझ देता है कि हमने क्या कहा था और क्यों। सत्य कायम रहता है; झूठ एक क्षणभंगुर भ्रम है जो बोझों से भरे जाल में समाप्त होता है।
Thoughts on Today's Verse...
"Tell the truth the first time, then you won't have to remember what you said." This truism by the famous Speaker of the House, Sam Rayburn, is good medicine for us today. Telling a lie seems gratifying at the time, but it nearly always catches up with us and gives us the added burden of trying to remember what we said and why. Truth endures; a lie is a momentary illusion that ends up in a trap filled with burdens.
मेरी प्रार्थना...
पवित्र और धर्मी पिता, जब सत्य को कहने की आवश्यकता हो तो झूठ बोलने, अतिशयोक्ति करने और सत्य को छिपाने के लिए मुझे क्षमा करें। मैं चाहता हूं कि मेरा हृदय और मेरे होंठ हमेशा के लिए - हमेशा सिर्फ आपके के लिए - निवेशित हों, इसलिए कृपया सत्य को पवित्र अखंडता के साथ कहने के लिए मेरी सहायता करें। यीशु के नाम में, मैं आपकी सहायता मांगता हूं। आमीन।
My Prayer...
Holy and Righteous Father, please forgive me for lying, exaggerating, and withholding the truth when the truth needs to be told. I yearn for my heart and my lips to be invested in forever — your forever — so please help me as I seek to tell the truth with holy integrity. In the name of Jesus, I ask for your help. Amen.